जब महिलायें नौकरी में हों

कुछ महिलाओं में एक विशेष प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है, अहम् की प्रवृत्ति। वे पुरूष जो नौकरी में नहीं है और उनकी पत्नी नौकरी में है, उनमें से अधिकांश औरतें अपने पति को नीचा दिखाने में प्रयासरत रहती है। ऐसी परिस्थिति में पुरूष कुंठाग्रस्त हो जाते हैं। परिणामस्वरूप या तो वे पत्नी की हर जायज-नाजायज बातों को सहते रहते हैं या तलाक देने की बात करने लगते हैं।


चंूकि पत्नी-पति का रिश्ता आपसी सहयोग और तालमेल से ही चलता है, अतः आपस में एक दूसरे को नीचा दिखाने से किसी को भी लाभ नहीं होगा। इसलिए ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए पति के साथ सहयोगात्मक रवैय्या अपनाना चाहिए। पति की जरूरतों और भावनाओं का हमेशा ख्याल रखना चाहिए। ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए निम्न बातों पर ध्यान देना जरूरी है।


- पति से ऐसी कोई बात न कहें जिससे उसकी भावनाओं को ठोस पहुंचे।


- कार्यालय में अपने सहयोगियों से एक निश्चित दूरी बनाये रखें।


- पुरूष सहयोगियों को घर लाने से पहले पति की अनुमति लें और उन्हें उसी समय पर घर लायें जब पति घर पर मौजूद हो।


- किसी सहयोगी के साथ बिना पति से कहे कहीं भी पिकनिक या रेस्तरां में जाने का कार्यक्रम न बनायें।


- घर यदि देर से आयें तो पति पर झल्लायें नहीं बल्कि देर होने का कारण बतायें।


- घरेलू कार्यों में प्यार से पति की मदद मांगें और छुट्टी के दिन घूमने-फिरने का कार्यक्रम बनायें।


उपरोक्त छोटी-छोटी सावधानियां बरतने से आपके और उनके बीच की अघोषित दूरियां मिट जाएंगी। दोनों एक-दूसरे के साथ सहयोग करें तो गृहस्थी आनंदमय होगी। अतः औरतों को चाहिए कि अहम् की भावना को त्यागकर पति को मित्रावत् सहयोग कर एक सफल दंपति होने की खुशी प्राप्त करें।